योग से करें साइनोसाइटिस का इलाज। (yoga therapy for sinusitis)
योग से करें साइनोसाइटिस (sinusitis) का इलाज।
Yoga therapy for sinusitis
लेखक - निशांत झा ( योग प्रशिक्षक)
लक्षण-- साइनोसाइटिस गालों एवं ललाट की हड्डियों की साइनस गुहाओं में जलन या दाह की स्थिति है। ये गुहाएं श्लेष्मा झिल्ली से ढकी होती हैं जो नासिका भागों तक जाती हैं। ठंड में दौरे के समय साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं तथा सिर में दर्द और भारीपन का अनुभव होता है। साथ ही गालों की हड्डियों एवं तलाट पर सूजन भी आती है। कभी-कभी साइनस में होने वाला यह दर्द इतना तीव्र होता है कि इसके कारण आंखों में भी दर्द होने लगता है।
कारण : साइनोसाइटिस पीड़ादायी स्थिति है। जो संवेदनशील व्यक्तियों में प्रत्येक बसंत या वर्षा ऋतु में उत्पन्न होती है। चिकित्सा वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण से ऊपरी श्वसन प्रदोष में अव्यवस्था का कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में विषाणुओं अथवा दोषों होना है। योग विज्ञान के अनुसार इसका निहित कारण शरीर में कम तत्व की अधिकता है।
यौगिक उपचार
1. सूर्य नमस्कार : कम से कम 12 आवृत्ति ।
2. आसन: पदनामुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, हलासन धनुरासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन,शवासन।
3. प्राणायाम: भस्त्रिका प्राणायाम (पाँच आवृत्ति), प्रत्येक आवृत्ति में पचास श्वास लेनी चाहिए।
4. षट्क्रिया: जलनेति, कपालभांति, सूत्रनेति, कुंजल क्रिया ।
5. शिथलीकरण: प्रतिदिन योगनिद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
6. आहार आहार हल्का व शाकाहारी, उपचार के दौरान प्रारम्भ में केवल फलों के एस विशेषकर अंगूर एवं मौसमी रसाहार उपरांत भोजन में फल एवं कच्ची सब्जियों की पर्याप्त मात्रा तथा भारी तैलीय, मीठे भोजन, शीतल पेय आइसक्रीम, दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन निषेध, प्रतिदिन ताजे लहसुन के कुछ दानों का सेवन करें।
7. उपवास : जब भी रोग के लक्षण उभरने लगे उपवास करें। अदरक, काली मिर्च, दालचीनी एवं इलायची की चाय पियें।
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