यौगिक क्रिया द्वारा स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार, Yoga therapy for spondylitis.

यौगिक क्रिया द्वारा स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार, 
Yoga therapy for spondylitis.
लेखक- निशान्त झा( योग प्रशिक्षक)

ग्रीवादश अथवा स्पोण्डोलाइटिस गर्दन में रीढ़ की हड्डियों में लम्बे समय तक कड़ापन रहने तथा उनमें इास हो जाने के कारण होता है। इस रोग में गर्दन में अकड़न, वर्ष एवं भारीपन आ जाते हैं। गर्दन झुकाने में दर्द, चक्कर आना, कक्षों में भारीपन द दर्द तथा कभी-कभी हाथ सुन्न हो जाते हैं।

यौगिक चिकित्सा

सूर्य नमस्कार: 12 आवृत्ति तक

1.आसन: पवनमुक्तासन, गर्दन घुमाना, बजासन, भुजंगासन शशाक भुखगासन, भद्रासन, शवासन, आकर्णधनुरासन, मकरासन, मार्जारी आसन, सर्वासन, मत्स्यासन, सुप्त वज्रासन धनुरासन आदि ।

2.प्राणायाम : नाडीशोधन, भ्रामरी एवं उज्जायी

3.षटक्रियाएं : नेतिक्रिया

4.शिथलीकरण: शवासन या योगनिद्रा

5.ध्यान: अजपा जप ।

अतिरिक्त उपचार: गर्दन पर पट्टा बांधना बहुत लाभकारी है। कही चौकी र सोना चाहिए, वजन नहीं उठाना तथा सिर झुकाकर काम नहीं करना चाहिए।

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